तीरंदाज, इंदौर। भाई दूज, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक, होलिका दहन के बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के दूसरे दिन, फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन, होलिका दहन के अगले दिन सुबह मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि इस बार भाई दूज 20 मार्च को मनाया जाएगा। भाई दूज को भाई द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है। एक होली पर और दूसरा दिवाली पर। मान्यता के अनुसार भाई दूज में भाई का तिलक और पूजा करने से भाई को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
भाई दूज के दिन सुबह भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा कर बहनों को भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए तिलक करना चाहिए। पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जिस प्रकार भाई दूज का पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है, उसी प्रकार होली के अगले दिन सभी कष्टों को दूर करने के लिए भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की जाती है। उसके जीवन में। की कामना की जाती है।
भाई दूज मनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज भाइयों के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर कर देते हैं।
पंचांग के अनुसार होली भाई दूज का पर्व चैत्र मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, इस बार होली भाई दूज 20 मार्च 2022, रविवार को है। द्वितीया तिथि 19 मार्च को दोपहर 12:15 बजे से शुरू होकर 20 मार्च को सुबह 11:10 बजे समाप्त होगी।