KONDAGAON. कोंडागांव में ऐतिहासिक मेला मेला शुरू हो गया। इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ जुटी है। कोरोना के बाद इस बार इतनी संख्या में लोग पहुंचे हैं। दरअसल, यह आयोजन तब से चल रहा है, जब कोंडागांव का नाम कोंडानार हुआ करता था। करीब 700 पुरानी इस परंपरा को जारी रखते हुए इस साल भी मेले का आयोजन किया है। इसमें कई गांवों के देव विग्रह भी शामिल हुए हैं। मेला स्थल की परिक्रमा के साथ इसकी शुरुआत हुई।
बता दें कि अब तक यह मेला माघ शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से ही शुरू होता है और पांच दिन चलता है। इस लिहाज से इस बार 5 मार्च तक चलेगा। पहले दिन इस मेले में कोंडागांव जिले के अलावा बस्तर और नारायणपुर जिलों से भी ग्रामीणों की भारी भीड़ पहुंची है। बस्तर संभाग में सबसे बड़े मेले के रूप में जाने जाने वाला कोंडागांव मेले की शुरुआत अलग-अलग गांवों से पहुंचे देवी देवताओं की परिक्रमा के साथ शुरू होती है जो ग्राम देवी शीतला माता के मंदिर में दर्शन के बाद की शुरू की जाती है।
बता दें कि पारंपरिक मेले के पहले दिन देवी-देवताओं की परिक्रमा के साथ शुरू हो गया है। इसमें जिसमें मुख्य अतिथि बस्तर सांसद दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप कलेक्टर व एसपी देवी-देवताओं की पूजा आराधना में शामिल हुए। देवी-देवताओं के साथ पूरे मेले की परिक्रमा की। मेला में जनप्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर भी बस्तर के पारंपरिक परिधान धोती कुर्ता में नजर आए। रेस्ट हाउस के मेला स्थल तक जनप्रतिनिधि और अधिकारी देवी-देवताओं के साथ मेला स्थल पहुंचे। पारंपरिक मेले की एक-दूसरे को बधाई देते हुए मेले की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मेले में नए प्रकार के झूले भी देखने को मिल रहे हैं इसके अलावा छोटे-छोटे व्यापारियों की गुमटियां भी तैयार हो गई हैं।
कड़ी सुरक्षा के बीच आज होगा आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन
पारंपरिक मेले में पहुंचे अलग-अलग गांव के आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन यहां के एनसीसी ग्राउंड में रात्रि में बुधवार को करेंगे। इसकी व्यवस्था भी प्रशासन ने पूरी कर ली है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था पुलिस प्रशासन की ओर से की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम फ्लड लाइट में होना है। इस आयोजन में भारी भीड़ जुटने की संभावना है, इसलिए सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।