बिलासपुर। प्रदेश के निलंबित एडीजी जीपी सिंह (ADG GP Singh) की मुसीबत बढ़ती जा रही है। इस बीच, हाईकोर्ट (High Court) में दो याचिकाओं पर आज सुनवाई होने वाली है। इस मामले में शासन ने अपने जवाब में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण को तथ्यपूर्ण बताया है। साथ ही कहा है कि जीपी सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है, जिस पर अंतिम सुनवाई होनी है।
अधिवक्ता आशुतोष पांडेय (Advocate Ashutosh Pandey) की ओर से दायर इन याचिकाओं में रायपुर में दर्ज राजद्रोह के साथ ही भिलाई में भयादोहन के मामले में की गई एफआईआर को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि साल 2016 में की गई शिकायत को आधार बनाकर उनके खिलाफ भयादोहन का केस दर्ज किया गया है।
उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने व्यापारी को झूठी कार्रवाई का भय दिखाकर 20 लाख रुपए उगाही की गई थी। पांच साल पुरानी शिकायत पर उन्हें राज्य शासन के इशारे पर फंसाया गया है। याचिका में उन्होंने एफआईओर को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है।
एफआईआर रद्द करने की मांग
इसी तरह उन्होंने रायपुर में दर्ज राजद्रोह के मामले को भी चुनौती देते हुए एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। प्रकरण में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मामले में शासन ने जवाब देते हुए उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को कानून के तहत बताया गया है। साथ ही कहा है कि जीपी सिंह पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
(TNS)