BHILAI. शहर के एक क्लिनिक में काम करने वाली युवती ने क्लीनिक के अंदर ही दरवाजा बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसका अपने किसी फ्रैंड से फोन पर विवाद भी हुआ था। पुलिस इसी एंगल से मामले की जांच कर रही है। हालांकि अभी उसके ऐसे आत्मघाती कदम उठाने का स्पष्ट कारण पता नहीं चला है लेकिन प्रारंभिक तौर पर फोन पर हुए विवाद को ही वजह माना जा रहा है।
आपको बता दें कि भिलाई के सेक्टर-6 ए मार्केट में डॉक्टर वर्मा निजी क्लिनिक का संचालन करते हैं। उनके यहां करीब तीन माह पहले दो बहनें 20 वर्षीय शिल्पी ठाकुर और उसकी दीदी श्वेता ने काम शुरू किया था। शनिवार को दोनों बहनें क्लिनिक तो आई थीं लेकिन श्वेता को शाम के समय शिल्पी कहीं नजर नहीं आ रही थी। जबकि एक अन्य स्टाफ ने शिल्पी को फोन पर अपने किसी फ्रैंड से झगड़ते सुनी थी। लेकिन, सभी ने इसे नजर अंदाज कर दिया। घर लौटते समय श्वेता को भी ये लगा कि वह पहले से ही घर जा चुकी होगी।
श्वेता को घर पहुंचने पर पता चला कि शिल्पी घर भी नहीं आई है तो उसके साथ ही परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी। उन्होंने डॉ. वर्मा को फोन कर जानकारी दी। शिल्पी को कई बार फोन भी लगाया पर वह रिसीव नहीं कर रही थी। इस बीच श्वेता को ध्यान में आया कि क्लिनिक की चाबी शिल्पी के पास ही रहती है। ऐसे में वह क्लिनिक में ही तो नहीं रह गई है। लिहाजा सभी रात में दोबारा क्लिनिक पहुंचे। यहां आने पर पता चला कि क्लीनिक की ऊपरी मंजिल बने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। उन्होंने फिर शिल्पी को फोन लगाया तो रिंगटोन की आवाज अंदर कमरे से आई।
इससे सभी घबरा गए। इसके बाद डॉक्टर वर्मा व शिल्पी के पिता ने मिलकर दरवाजे को तोड़ा और अंदर जाकर देखा तो सभी अवाक् रह गए। दरअसल, अंदर शिल्पी की लाश फांसी के फंदे पर लटका हुआ था और उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने तत्काल कोतवाली पुलिस को फोन कर इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शिल्पी के शव को फंदे से उतारा। इसके बाद जांच शुरू की। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। फिलहाल कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला है, लेकिन फोन पर हुए विवाद को ही कारण माना जा रहा है।