तीरंदाज, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह, राहुल खड़िया और प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फिल्म कद, सरकार और रामानुजन, 12वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग और अवॉर्ड के लिए नामांकित हुई हैं। तीनों फिल्मों का चयन फ्यूजन कैटगरि में हुआ है। वहीं, विद्यार्थी ऋत्विक दास की फिल्म ‘कल्पना’ का चयन फेस्टिवल की ‘आउट ऑफ बॉक्स’ कैटगरि में हुआ है।
यह फिल्म फेस्टिवल 22 से 26 अगस्त तक भोपाल के रवींद्र भवन परिसर में होगा। राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सिनेमा अध्ययन विभाग की स्थापना, चित्र भारती राष्ट्रीय लघु फिल्म उत्सव का आयोजन एवं चलचित्र से जुड़े नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की श्रृंखला में यह एक और उपलब्धि है।
फिल्म ‘कद: हाइट डजन्ट मैटर’ लोगों को एक मनोविकार से बाहर निकालने का प्रयास है। कद ऊंचा हो, इसके लिए लोग स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाले प्रयोग भी कर रहे हैं। इस फिल्म में मानव कद को लेकर भ्रांतियों का निवारण किया गया है और बताया गया है। फिल्म के प्रोड्यूसर लोकेन्द्र सिंह बताते हैं कि शारीरिक कद को बढ़ाने की अपेक्षा लोगों को सामाजिक कद पर ध्यान देना चाहिए। फिल्म का निर्देशन श्रीमती नीलम पटेल ने किया है।
उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘कद’ को गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म फेस्टिवल-2021 में भी दिखाया गया था। फिल्म ने वहां काफी सराहना प्राप्त की थी। वहीं, मनोज पटेल की फिल्म ‘सरकार’ वैज्ञानिक डॉ महेंद्र लाल सरकार के जीवन पर केंद्रित है। डॉ सरकार ने स्वतंत्रता से पूर्व भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के प्रयास किये। जबकि राहुल खड़िया की फिल्म ‘रामानुजन : द मैन हू नो इन्फिनिटी’ एक डॉक्यू-ड्रामा फिल्म है, जो सुप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर केंद्रित है।
इसी प्रकार ऋत्विक दास की फिल्म ‘कल्पना’ भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला पर केंद्रित है, जो युवाओं को सपने देखने के लिए प्रेरित करती है। इस फिल्म की स्क्रिप्ट एमसीयू के सहायक प्राध्यापक मुकेश चौरासे और विद्यार्थी जिया सिंह ने लिखी है। विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्रों की फिल्मों के चयन पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने प्रसन्नता जाहिर की है।
सामाजिक कद को करें ऊंचा
कद फिल्म के निर्माता लोकेन्द्र सिहं का कहना है कि हमने फिल्म में कद को लेकर शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला है। हमारी यह कोशिश रही है कि लोग शारीरिक ऊंचाई को ही सबकुछ मानकर हतोत्साहित न हों बल्कि अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को ऊंचा करें। अटल बिहारी वाजपेयी, महात्मा गांधी, दीनदयाल उपाध्याय और सचिन तेंडुलकर से लेकर दुनिया में अनेक लोग हुए हैं जिनके शारीरिक कद छोटे हैं, लेकिन उनका सामाजिक कद इतना बड़ा है कि दुनिया के किसी भी कोने से वे दिखाई दे जाते हैं।
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