BHILAI. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राजधानी रायपुर स्थित निवास कार्यालय से राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना’ का वर्चुअली शुभारंभ किया। यह योजना मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की तरह इसकी शुरुआत की गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने 13 अप्रैल को बस्तर में आयोजित भरोसा सम्मेलन में ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ किए थे।
इन योजनाओं का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक तीज त्यौहारों, मड़ई मेलों को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ी को प्रदेश की लोक संस्कृति से अवगत कराने और इन परंपराओं को जीवंत बनाए रखना है। इन योजनाओं के तहत हरेक ग्राम पंचायतों को दो किस्तों में कुल 10,000 रुपए दिए जाएंगे।
CM ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम बेहद महत्वपूर्ण है। प्रदेश में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्व पर सार्वजनिक अवकाश दिया जा रहा है। राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के द्वारा आगामी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो और प्रदेश की संस्कृति पर गौरव का अनुभव करें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक, बासी-तिहार जैसे आयोजनों के पीछे भी हमारा यही उद्देश्य है। लोक-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से ही देवगुड़ियों और घोटुलों के विकास का काम भी किया जा रहा है। इस वर्चुअल कार्यक्रम में दुर्ग जनपद पंचायत के अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, भुनेश्वरी वर्मा, तेजराम चंदेल, दुर्ग के कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा, तमाम जनप्रतिनिधि, दुर्ग जिला पंचायत के CEO अश्वनी देवांगन व अन्य मौजूद रहे।