भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई चरोदा में महापौर व सभापति चुन लिए गए हैं। इस निगम में सत्ता संभालने का कांग्रेस का सपना 20 साल बाद पूरा हुआ। सोमवार को हुए महापौर व सभापति के निर्वाचन में कांग्रेस के निर्मल कोसरे महापौर व कृष्णा चंद्राकर सभापति चुने गए। इसके साथ ही पांच साल के लिए भिलाई निगम का नेतृत्व तय हो गया। यहां एक बात गौर करने वाली है कि हर बार की तरह इस बार भी ग्रामीण नेतृत्व ही शहर का विकास तय करेगा। इसे संयोग कहेंगे या कुछ और, लेकिन भिलाई-चरोदा पालिका के गठन के बाद से ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पटरी पार क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र के निवासी ही करते आए हैं।
सन 2000 में जब विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण से नगर पालिक निगम भिलाई का गठन किया गया तो भिलाई-चरोदा को अलग कर इसे पालिका परिषद बनाया गया। 20 वार्डों में पार्षदों के निर्वाचन के साथ ही यहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए। पहली बार यहां उरला वार्ड के निवासी विजय बघेल ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए अध्यक्ष बनने का गौरव पाया। विजय बघेल पटरी पार क्षेत्र के उरला के निवासी हैं। इस प्रकार भिलाई चरोदा के विकास की जिम्मेदारी पहली बार ग्रामीण नेतृत्व को ही मिली। भिलाई-चरोदा निकाय में 2000 से शुरू हुआ यह संयोग आज तब बरकरार है।
तीन बार पालिका परिषद के हो चुके चुनाव
अब तक इस निकाय में शहरी क्षेत्र के प्रतिनिधि को नेतृत्व करने का मौका नहीं मिला। पालिका बनने के बाद यहां तीन चुनाव हुए। भिलाई-3 चरोदा नगर पालिका परिषद के गठन के बाद सबसे पहले विजय बघेल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष बने, उसके बाद 2005 में शशिकांत बघेल भी निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीते और भिलाई चरोदा पालिका के अध्यक्ष बने। शशिकांत बघेल भी उरला वार्ड के निवासी हैं जो पटरी पार का ग्रामीण क्षेत्र है। इसके बाद 2010 में यहां पहली बार भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई। इस बार यहां से अध्यक्ष के रूप में गनियारी वार्ड की निवासी सीता साहू चुनी गईं। भिलाई-3 चरोदा निकाय के पटरी पार क्षेत्र में गनियारी गांव को अंतिम छोर माना जाता है। इस प्रकार तीन बार पालिका चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र को ही शहर का नेतृत्व मिला।
2015 में बना भिलाई-चरोदा नगर निगम
तीन साल पालिका परिषद का प्रशासन होने के बाद 2015 में भिलाई-3 चरोदा को नगर पालिक निगम के रूप में मान्यता मिली। इसके साथ ही 20 से बढ़कर 40 वार्ड हो गए। पहले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना परिचय लहराया। महापौर के रूप में चंद्रकांता मांडले चुनी गईं। चंद्रकांता मांडले भी भिलाई-चरोदा के ग्रामीण क्षेत्र देवबलोदा की निवासी हैं। यह क्षेत्र भी पटरी पार का ग्रामीण क्षेत्र है। अब इस नगर निगम में ताजा चुनाव 20 दिसंबर 2021 को संपन्न हुए और पहली बार यहां कांग्रेस को बहुमत मिला। इस बार अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत केवल पार्षदों का चुनाव हुआ और महापौर के लिए पार्षदों ने वोटिंग की। सोमवार को कांग्रेस के निर्मल कोसरे महापौर के रूप में चुने गए । इस प्रकार भिलाई चरोदा निगम का रिकार्ड इस बार भी नहीं टूटा। निर्मल कोसरे गनियारी वार्ड के निवासी हैं।