NEW DELHI. खुले आसमान में एक बड़ा हादसा होते-होते उस समय टल गया जब एयर इंडिया और नेपाल एयरलाइंस के विमान काठमांडू के ऊपर आपस में टकराने से बचे. घटना शुक्रवार की बताई जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चेतावनी प्रणाली द्वारा दोनों विमानों के पायलटों को सचेत करने के बाद बीच हवा में टक्कर टल गई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना होते-होते रह गई. नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने लापरवाही के लिए हवाई यातायात नियंत्रक विभाग के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह कुआलालंपुर से काठमांडू आ रहा नेपाल एयरलाइंस का विमान और नई दिल्ली से काठमांडू आ रहा एयर इंडिया का विमान टकराने से बाल बाल बच गया. एयर इंडिया का विमान 19,000 फुट से नीचे उतर रहा था, जबकि नेपाल एयरलाइंस का विमान उसी स्थान पर 15,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. रडार पर देखा गया कि दोनों विमान हवा में आसपास हैं, फिर नेपाल एयरलाइंस का विमान 7,000 फीट नीचे आ गया. सीएएएन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जो घटना के समय नियंत्रण कक्ष के प्रभारी थे.
इस हादसे के टलने के बाद नेपाल के विमानन प्राधिकरण ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) की अनुमति के बिना हवाई जहाज को 15,000 फीट नीचे लाने के बाद एयर इंडिया के विमान के नेपाली हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया है. नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के अधिकारियों ने कहा कि जैसे ही दोनों टकराने की स्थिति में आए, दोनों की कॉकपिट में स्वचालित रूप से एक अलर्ट बज गया और एक संभावित घातक दुर्घटना टल गई. प्राधिकरण के प्रवक्ता जगन्नाथ निरौला ने कहा कि मामले की जांच करने और कार्रवाई करने के लिए भारत के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण को एक संदेश के साथ एयर इंडिया को एक पत्र भेजा गया है.
उन्होंने कहा, हमने एयर इंडिया और नेपाल एयरलाइंस के बीच हुई घटना की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने और प्राधिकरण को सूचित करने के लिए लिखा है. उसी दिन काठमांडू में हवाईअड्डे के अधिकारियों ने एयर इंडिया के पायलटों से स्पष्टीकरण मांगा था. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की थी और माफी मांगी थी. निरौला ने कहा कि सीएएएन ने घटना के संबंध में एक जांच समिति भी गठित की है.