NEW DELHI.
गुरुवार को देश 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई ‘पहली’ घटनाओं का गवाह बनेगा. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए भारत में हैं. इसके अलावा गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतियों को ये भी पहली बार’ देखने को मिलेगा. जानें क्या रहेगा खास…
अल-सिसी इस आयोजन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित होने वाले मिस्र के पहले नेता हैं. वह 2020 के बाद से पहले मुख्य अतिथि भी हैं, जब ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने परेड में भाग लिया था. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण 2021 और 2022 में कोई मुख्य अतिथि नहीं था.
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और मार्च करने वाली टुकड़ियों से सलामी लेते हैं.ऐसे में यह द्रौपदी मुर्मू के लिए सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के रूप में पहला गणतंत्र दिवस है. वह गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेने वाली भारत की दूसरी महिला प्रमुख भी हैं. उनके पहले प्रतिभा देवी पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति थीं. द्रौपदी मुर्मू ने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति पद संभाला था.
राजपथ का नाम पिछले साल बदल कर कार्तव्य पथ रखा गया. कर्तव्य पथ पहली बार टैंकों, बंदूकों और सैनिकों का गवाह बनेगा. इस बार सभी आधिकारिक आमंत्रण पहली बार ऑनलाइन भेजे गए हैं.
2023 से पहले परेड से पहले भारत के राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देने के लिए ब्रिटिश तोपों का इस्तेमाल किया जाता था. अब सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत स्वदेश निर्मित 105 मिमी फील्ड गन 25-पाउडर गन की पुरानी तोपों की जगह लेगी.
40 से अधिक वर्षों तक बल की सेवा करने वाला नौसेना का आईएल-38 टोही समुद्री विमान 26 जनवरी के आयोजन में इसके उद्घाटन में संभवतः अंतिम बार उपस्थिति दर्ज कराएगा. यह उन 50 विमानों में शामिल होगा जो उत्सव में भाग लेंगे.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ऊंट दल में पहली बार महिला प्रतिभागी शामिल होंगी.
29 जनवरी को होने वाला बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस उत्सव के समापन को चिह्नित करता है में पहली बार 3-डी एनामॉर्फिक प्रक्षेपण होंगे.