KANKER. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मजदूरों को बंधक बनाने की खबर से हड़कंप मच गया। दरअसल करीब 07 दिन पहले जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव के मोबाइल में एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि वे यहां पिछले 3 से 6 माह से कंपनी में काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है। यह लिखने वाले और कोई नहीं जिले के मजदूर ही थे।
इन सब के बाद इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई, जिसके बाद 06 लोगों की टीम गठित कर तमिलनाडु के लिए रवाना किया गया। जहां तमिलनाडु के अफसरों से संपर्क कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और बालाराज राजापुरम में मच्छरदानी बनाने वाली कंपनी में छापेमारी की गई। इस दौरान कंपनी के एक यूनिट से 09 व दूसरे यूनिट से 06 मजदूर को बरामद किया गया। इनमें से 08 बालिका हैं, जिसमें से 03 नाबालिग हैं। वहीं तीन बालक भी नाबालिग हैं। इन सभी को कांकेर लाने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
ऐसे फंसे थे चंगुल में
मजदूरों ने बताया कि वह सब जगदलपुर के एक दलाल कमलेश मंडावी के संपर्क में आए। वह तमिलनाडु में कंपनी में काम दिलाने का लालच दिया था, साथ ही कहा था कि वहां रहना खाना फ्री व 07 हजार रुपए वेतन दिए जाएंगे। कंपनी में लाने के बाद यहां काम के बदले भोजन व रहने के लिए कमरा तो मिला है, लेकिन अबतक वेतन नहीं मिला। टीम ने कंपनी से संपर्क किया तो पता चला कंपनी हर माह मजदूरों का वेतन दे रही है। साथ ही उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त कार्य का बोनस भी दे रही है। जिसके बाद पता चला कि वेतन व बोनस भी दलाल खा रहा है और मजदूरों को अबतक कुछ नहीं मिला है।
टीम ने मजदूरों का भुगतान नहीं होने पर स्थानीय प्रशासन से मिलकर कंपनी से चर्चा की, जिस पर कंपनी ने पिछले 06 माह का मजदूरों का 3.32 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान किया। बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने बताया इस पूरे मामले में जिला प्रशासन कार्रवाई कर रही है। श्रम विभाग को प्रकरण सौंपा गया है, जिसमें दलाल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।